कार इंश्योरेंस रिन्यू करवाने से पहले जरूर जानें ये बातें, वरना होगा भारी नुकसान
कार इंश्योरेंस को रिन्यू करवाने से पहले इन जरूरी बातों जानना आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। इंश्योरेंस रिन्यू करवाने के दौरान आप कंपनी से छूट भी प्राप्त कर सकते हैं।
कार का इश्योरेंस लेते समय लोग बड़े ही आसानी से कार डीलर या फिर किसी एजेंट की बातों पर भरोसा करके अपने वाहन का बीमा करवा लेते हैं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है? क्या आपने कभी सोचा है कि आप जिस कंपनी का इंश्योरेंस ले रहे हैं वो आपके लिए सही निवेश साबित होगा। क्या आपका इश्योरेंस वैल्यू फॉर मनी है? ऐसी ही बहुत सी बातें हैं जो कि इंश्योरेंस लेते समय आपका जानना बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको 7 ऐसे टिप्स देंगे जिससे आप अपनी कार का बेहतर इंश्योरेंस करा सकते हैं। आइये जानते हैं वो प्रमुख बातें —
1. रिसर्च करना: किसी भी काम को करने से पहले उसके बारे में रिसर्च करना एक बहुत जरूरी काम होता है। इसलिए कार का इंश्योरेंस लेने से पहले आप इंटरनेट पर या फिर अपने दोस्तों से इसके बारे में बात करें। ज्यादातर जानकारी आपको इंटरनेट पर ही मिल जाएगी। इसके अलावा अलग अलग कंपनियों के इंश्योरेंस और पॉलिसी आदि के बारे में जानकारियां इकट्ठा करें।
2. कवरेज पर ध्यान: किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने से पहले उसके कवरेज एरिया पर जरूर ध्यान दें। इस बात की पूरी तस्दीक करें कि उक्त पॉलिसी आपके वाहन के कितने हिस्सों को कॅवर करती है। यानि कि इंश्योरेंस क्लेम करने के दौरान आप अपनी कार के किस हिस्से के डैमेज होने पर क्लेम कर सकते हैं।
3. कंपनी का चयन: आप अपनी रिसर्च प्रक्रिया के पूरे होने के बाद अगला काम इंश्योारेंस कंपनी को चुनना होता है। ज्यादातर लोगों को देखा जाता है कि वो आंख बंद करके डीलरशिप द्वारा सुझाए गये कंपनी का ही इंश्योरेंस ले लेते हैं। ऐसा करने से बचें उनके द्वारा बताए गए कंपनी के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करें और रिव्यू करने के बाद ही कंपनी का चुनाव करें। इसके लिए आप इंटरनेट की भी मदद ले सकते हैं।
4. IDV पर विशेष ध्यान: कार इंश्योरेंस को फाइनल करने से पहले IDV पर विशेष ध्यान देना चाहिएं। आई.डी.वी. यानि कि इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू होता है। ये आपके वाहन के वर्तमान कीमत के अनुसार तय किया जाता है। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि ये रिसेल वैल्यू के बराबर होता है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल ये वो एमाउंट होता है जो यदि कार तत्काल पूरी तरह डैमेज हो जाये तो इंश्योरेंस कंपनी आपको देती है। IDV का असर आपकी प्रीमियम एमाउंट पर भी पड़ता है ये जितना ज्यादा होता प्रीमियम भी उतना ही ज्यादा होगा। इसके अलावा यदि आप आईडीवी कम आंकते हैं तो आपको क्लेम एमाउंट भी कम ही मिलेगा। इसलिए सही आईडीवी का चयन करें।
5. छूट पर नजर: ज्यादातर लोग इस बात से अनजार होते हैं कि यदि आप अपनी कार में कोई एंटी थेफ्ट डिवाइस लगाए हैं तो कार इंश्योरेंस कंपनियां आपको इसके लिए छूट भी देती हैं। इसलिए जब भी आप इंश्योरेंस फॉर्म भरें तो इसमें अपनी कार में प्रयोग किए गए एंटी थेफ्ट डिवाइस का जिक्र जरूर करें। इसके लिए आप इंश्योरेंस कंपनी के एक्जीक्यूटिव से भी बात कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपका एंटी थेफ्ट डिवाइस ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
6. NCB पर रखें ध्यान: एनसीबी का अर्थ होता है नो क्लेम बोनस (NCB)। यदि कार मालिक इंश्योरेंस लेने के बाद अगले पांच सालों तक कोई भी क्लेम नहीं करता है तो इस दशा में इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर को बोनस देती है। आपको बता दें कि, इस पर आपको 50 प्रतिशत तक का लाभ मिल सकता है। इसलिए NCB को कभी न भूलें।
7. समय पर रिन्यू: अपनी कार का इंश्योरेंस हमेशा सही समय पर रिन्यूकरें। कभी भी इंश्योरेंस एक्सपायर होने के बाद रेन्यू करने की न सोचें। इसके लिए आप एक्सपायरी डेट के एक सप्ताह पहले भी रिन्यू करा सकते हैं। यदि आपका इंश्योरेंस एक्सपायर हो जाता है और उसके बाद आप रिन्यू कराते हैं तो आपको ज्यादा प्रीमियम भी भरना पड़ सकता है। इतना ही नहीं मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अन्तर्गत बिना इंश्योरेंस के वाहन चलाना एक कानूनी अपराध भी है। इसलिए समय रहते अपने वाहन का इंश्योरेंस करवाएं।
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